उड़न तश्तरी आयी थी, चकाचौंध फैलाई थी. उड़न तश्तरी आयी थी, चकाचौंध फैलाई थी.
बीत रहे हैं दिन तिल-तिल, छूट रहे हैं ये पल-छिन, कब जियोगी खुद के लिए कब सजोगी खुद के लिए बीत रहे हैं दिन तिल-तिल, छूट रहे हैं ये पल-छिन, कब जियोगी खुद के लिए कब सजोगी खु...
प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है। प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है।
दूजी दुनिया से बन पाती, मित्रता घनी हम उनके लिये एलियन,जो है,परग्रही। दूजी दुनिया से बन पाती, मित्रता घनी हम उनके लिये एलियन,जो है,परग्रही।
दिखता था वह बड़ा रंगीला, आसमान में भव्य नजारा । दिखता था वह बड़ा रंगीला, आसमान में भव्य नजारा ।
फिर जब उड़न-तश्तरी उड़ेगी नभ में कोई भी कौतुहल न रहेगा हृदय में। फिर जब उड़न-तश्तरी उड़ेगी नभ में कोई भी कौतुहल न रहेगा हृदय में।